हम खुबसूरत नही औरो की तरह
पर इस में भी गलती हमारी नही
उस ऊपर वाले ने हमे बनाने में जल्दी कर दी
इसलिए चेहरा बनाने में कुछ कमी कर दी।
हम खुबसूरत नही औरो की तरह
पर इस में भी गलती हमारी नही
उस ऊपर वाले ने हमे बनाने में जल्दी कर दी
इसलिए चेहरा बनाने में कुछ कमी कर दी।
टुटती हूँ हर पल ऐसे
जैसे किसी के हाथो का खिलौना बन गई हूँ
कभी किसी के साथ को पाने के लिए टूटती हूँ
तो कभी किसी के साथ को भुलाने के लिए टूटती हूँ
कभी किसी के आँखो
बिना गाली-गलौज के उस बद्जबान को मेरा जवाब –
भारत माँ के जयकारे का,
तुझको है कोई ज्ञान नहीं।
तू फर्जों को भूल गया, Read more
हर इंसान का धर्म होता है
धर्म आपसी एकता का
एक मजबूत जोड़ है
समाज में धर्म के नाम पर Read more
एक दौर
जहाँ सिर्फ प्रगति की
विकास की बातें होनी थी
अत्याचार, भ्रष्टाचार के खिलाफ Read more
छोटी-छोटी बातों पर
गतिरोधी घटनाएँ
और उन पर फिर सियासत Read more
फिर गद्दारों का मान हुआ,
भारत माँ का अपमान हुआ।
दिल्ली की स्वच्छंद हवाएं क्यों बदली, Read more
गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर सभी मित्रों को हार्दिक शुभकामनाओं के साथ कुछ पंक्तियाँ —
भारत भूमि बलिदानों की, बड़े कठिन से पाया,
जिसको हँसकर बड़े विधि से, रब ने रम्य बनाया। Read more
छोटी-छोटी जंगली बेरों की
पुड़िया बनाकर
नमक के साथ Read more
फिर एक मंदिर ढहा है आज,
एक मस्जिद शहीद हुई है,
इंसानों की बस्ती मैं देखो आज, Read more
बेटी बचाओ,बेटी पढा़ओ से प्रेरित मेरी रचना “बेटियाँ” के कुछ अंश….
********************बेटियाँ********************
बेटियाँ कच्चे बाँस की तरह,
पनपती आधार हैं। Read more
वो नन्हा सा इक पल जाने
कैसे छल गया मुझको
लाख बचाया लाख सम्हाला Read more
प्रार्थनायें क्या होतीं हैं
मन का विश्वास होतीं हैं
बंधती हुयी आस होतीं हैं Read more
मेरी खिड़की पर जा बैठा
अजनबी सा ये सूनापन
घेर लेता है अक्सर ही Read more
दुनियाँ से न्यारी मेरी गुलगुल
पापा की प्यारी मेरी गुलगुल
आँखों का ख़्वाब रातों की नींद Read more
अग्निकुंड में डूब कर
भी “मैं” नहीं पिघलता
जलता हूं फिर भी नही मरता Read more
इक रोज़ संग साथ बैठे बैठे
कलम कागज़ और कीबोर्ड बतिया बैठे
अपनी श्रेष्ठता के मद में कीबोर्ड चूर चूर था Read more
ना किसी की यादों ने सताया कभी
ना कभी दिल टूटा हैं
हमारा दिल तो वो पानी है दोस्तों
जो अपनी मस्ती मे बहता है
फिर भी ना जाने क्यू ख्याल आजकल किसी अजनबी का रहता है।
जो नज़रो से एहतराम,हमारा नही करते,
उनसे गुफ्तगूं भी, हम गंवारा नही करते,
तरसते रहे दीवाने, उनके दीद को,मगर, Read more