मैं कब कहता हूँ वो अच्छा बहुत है
मगर उसने मुझे चाहा बहुत है
खुदा इस शहर को महफूज़ रखे Read more
मैं कब कहता हूँ वो अच्छा बहुत है
मगर उसने मुझे चाहा बहुत है
खुदा इस शहर को महफूज़ रखे Read more
आँखों में रहा दिल में उतरकर नहीं देखा
कश्ती के मुसाफ़िर ने समन्दर नहीं देखा
बेवक़्त अगर जाऊँगा, सब चौंक पड़ेंगे Read more
परखना मत, परखने में कोई अपना नहीं रहता
किसी भी आईने में देर तक चेहरा नहीं रहता
बडे लोगों से मिलने में हमेशा फ़ासला रखना Read more
अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जायेगा
मगर तुम्हारी तरह कौन मुझ को चाहेगा
तुम्हे ज़रूर कोई चाहतों से देखेगा Read more
तुम मुझे छोड़ कर जाओगी तो मर जाऊँगा
यूँ करो, जाने से पहले मुझे पागल कर दो…
ऐसा लगता ज़िन्दगी तुम हो
अजनबी कैसे अजनबी तुम हो।
अब कोई आरज़ू नहीं बाकी Read more
मुझसे बिछड़ के ख़ुश रहते हो
मेरी तरह तुम भी झूठे हो
इक टहनी पर चाँद टिका था Read more
लोग टूट जाते हैं, एक घर बनाने में
तुम तरस नहीं खाते, बस्तियाँ जलाने में
और जाम टूटेंगे, Read more
अजीब शख्स है नाराज़ हो के हँसता है,
मैं चाहता हूँ खफ़ा हो तो वो खफ़ा ही लगे…
-बशीर बद्र
घरों पे नाम थे नामों के साथ ओहदे थे,
बहुत तलाश किया कोई आदमी न मिला…
-बशीर बद्र
वो नहीं मिला, तो मलाल क्या , जो गुज़र गया, सो गुज़र गया
उसे याद करके न दिल दुखा , जो गुज़र गया, सो गुज़र गया
न गिला किया, न ख़फ़ा हुए, Read more
साये उतरे, पंछी लौटे , बादल भी छुपने वाला है
लेकिन मैं वो टूटा तारा, जो घर से जाने वाला है
फिर सुबह हुई आँखें खोलें , Read more