मीठी नशीली बातों का काफ़िला भी देखा है
जाने ग़ज़ल हमने वो काफ़िया भी देखा है
पूछे लोग मुझसे क्या मैक़दा भी देखा है Read more
मीठी नशीली बातों का काफ़िला भी देखा है
जाने ग़ज़ल हमने वो काफ़िया भी देखा है
पूछे लोग मुझसे क्या मैक़दा भी देखा है Read more
बुझे चराग़ में भी कुछ जला रखा है
ज़िंदगी में क्या जाने मज़ा रखा है
नहीं होता ज़ोर किसी का किसी पर Read more
यूँ चेहरे पर नक़ाब लगाते हैं लोग,
कुरेद के ज़ख्म मेरे, मुस्कुराते हैं लोग,
आइने का ही ऐतबार हो तो कैसे हो, Read more
आँख प्यासी है कोई मन्ज़र दे
इस जज़ीरे को भी समन्दर दे
अपना चेहरा तलाश करना है Read more
घर मेरी उम्मीदों के सरहद पार तेरा है
दिल के आइने में फिर भी इंतज़ार तेरा है
—सुरेश सांगवान’सरु’
परखना मत, परखने में कोई अपना नहीं रहता
किसी भी आईने में देर तक चेहरा नहीं रहता
बडे लोगों से मिलने में हमेशा फ़ासला रखना Read more
रूह में ………….जो आइना होता है
रोशनी …………सच की दिखा देता है
—सुरेश सांगवान’सरु’
आईने के पीछे रहकर हासिल न कुछ तुम्हे होगा,
सामने आओ आईने के हकीक़त से सामना होग।
मौत से जितना डरोगे उतना ही डराएगी, Read more
जी में आया के तोड़ डालूं,
सच वो आईना जब जब बोला…
दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई
जैसे एहसान उतारता है कोई
आईना देख के तसल्ली हुई Read more
चाँद- सितारों में हैं क्या चर्चे चलकर देखा जाये
ज़मीं का आसमाँ से कभी दिल बदलकर देखा जाये
क़िताबी इल्म नहीं यारो तज़रबा अपना है मेरा Read more
जो मेरा दोस्त भी है, मेरा हमनवा भी है,
वो शख्स, सिर्फ भला ही नहीं, बुरा भी है….
मैं पूजता हूँ जिसे, उससे बेनियाज़ भी हूँ, Read more
अपने हाथों की लकीरों में बसाले मुझको
मैं हूं तेरा नसीब अपना बना ले मुझको
मुझसे तू पूछने आया है वफ़ा के मानी Read more
झूठी बुलंदियों का धुँआ पार कर के आ
क़द नापना है मेरा तो छत से उतर के आ
इस पार मुंतज़िर हैं तेरी Read more
चेहरों की धूप आँखों की गहराई ले गया|
आईना सारे शहर की बीनाई ले गया|
डूबे हुए जहाज़ पे क्या Read more
साये उतरे, पंछी लौटे , बादल भी छुपने वाला है
लेकिन मैं वो टूटा तारा, जो घर से जाने वाला है
फिर सुबह हुई आँखें खोलें , Read more