बिना गाली-गलौज के उस बद्जबान को मेरा जवाब –
भारत माँ के जयकारे का,
तुझको है कोई ज्ञान नहीं।
तू फर्जों को भूल गया, Read more
बिना गाली-गलौज के उस बद्जबान को मेरा जवाब –
भारत माँ के जयकारे का,
तुझको है कोई ज्ञान नहीं।
तू फर्जों को भूल गया, Read more
हर इंसान का धर्म होता है
धर्म आपसी एकता का
एक मजबूत जोड़ है
समाज में धर्म के नाम पर Read more
फिर एक मंदिर ढहा है आज,
एक मस्जिद शहीद हुई है,
इंसानों की बस्ती मैं देखो आज, Read more
इसके तेवर तो देखो इंसान से तीखे
हौसला सीखे तो कोई मच्छर से सीखे
—–सुरेश सांगवान’सरु’
परखना मत, परखने में कोई अपना नहीं रहता
किसी भी आईने में देर तक चेहरा नहीं रहता
बडे लोगों से मिलने में हमेशा फ़ासला रखना Read more
इंतजार अब भी है तुम्हारा आज भी चाहत वही है।
माना कुछ गलतियां की है हमने मगर हम इन्सान बुरे नहीं है।
दूरियाँ बताएँगी नज़दीकियां कितनी हैं
इंसानी रिश्तों में बारीकियां कितनी हैं
—-सुरेश सांगवान’सरु’
मन के मैल से उल्फ़त का जंतर टूट जाता है
साहिल टूट जाये तो समंदर टूट जाता है
बिखर गया तिनका तिनका आँधी के आने से Read more
इंतजार अब भी है तुम्हारा
आज भी चाहत वही है।
माना कुछ गलतियां की है हमने
मगर हम इन्सान बुरे नहीं है।
यूँ मौसम का असर गया गोया
रंग-ए-गुल और निखर गया गोया
हुआ महसूस ये देखकर उसे Read more
क्यूँ इतना हैरान है ये वतन की शान है,
तिरंगे को भुला बैठा कैसा इंसान है…
— Saru
इस जिन्दगी की बस एक ही कहानी है,
कंही ठहरा तो कंही बहता हुआ पानी है,
न जाने कोई राज़ बहते हुये अश्कों का, Read more
हर गली हर कूचे में बाग़बान मिल जाये
गर इंसान के भीतर इंसान मिल जाये
उधार ना सही नक़दी दुकान मिल जाये Read more
एक जंगल में घूम रही हूँ रातदिन
शेर भालू चीते देख रही हूँ रात दिन
नज़रों की खरोंचे सहती हूँ रातदिन Read more