बागों में विविध पुष्प और मनभावन उनकी लाली,
भर गया सलिल चहुँ ओर दिखती हर दिश ही हरियाली।
पतझड़ में उजड़े पत्ते आए,भर गई पात से डाली, Read more
कोई दर्द, कोई चुभन जब हद से गुजर जाए,तो याद करना,
जिन्दगी में कभी जरूरत पड़ जाए,तो याद करना।
बिछड़ते वक्त के ये आखिरी, अल्फाज थे उनके, Read more
राधा सुकुमारी
प्यार से भी प्यारी
कान्हा के मुरली के तनो पर झुमती ये बृज दुलारी Read more
मुद्दतों बाद वो दिखे मुझे,
पर अपनों की निगरानी थी,
खुश्बू जानी-पहचानी थी। Read more
रह-रह कर अब याद आ रहा,
वो मेरा एकाकी जीवन।
इक कमरे का रहवासी था, Read more
संकल्प करके अब,चले हैं इस जहांन में,
पांव न रुकेंगे अब,किसी भी तूफान में।
तठस्थ हो लिखे चलो,कलम ये झुके नहीं, Read more
न डर दुश्मनों से जमाने से न डर,
डर दुराचार से बुराई से डर।
नेकी ही तेरी बदी को भगायेगी, Read more
आ चल लहरों संग नाचेंगे।
इक दूजे संग कैसा तालमेल,
अपनों से ऐसा मधुर मेल। Read more
सोई हुई रातों में, धड़कनें बढ़ाती है,
कोई तो है जो दिल को लुभाती है।
उस बात की आज भी, देखिए खुमारी है, Read more
“याचना नहीं अब………”
याद आ रही मुझको फिर
दिनकर की बात पुरानी वो। Read more
फूँक से सूरज बुझाना छोड़ दो
रेत की मुट्ठी बनाना छोड़ दो
हो नहीं सकता जहाँ दिल से मिलना Read more
एक मसला-ए-मोहब्बत, जो कभी सुलझा नही,
हमने कभी कहा नही, उसने कभी समझा नही,
ये इश्क में सजा रही, अब जिंदगी में मज़ा नही, Read more
अपने घर के सब दरवाज़े खोल दो
बंद कमरों में गीत नहीं लिख पाऊँगा ।
नक़ाब सारे हटा दो अपने चेहरे के Read more
मैं तुम्हारे लिए, जिंदगी भर दहा,तुम भी मेरे लिए रात भर तो जलो !
मैं तुम्हारे लिए, उम्र भर तक चला,तुम भी मेरे लिए सात पग तो चलो..!
दीपकों की तरह रोज़ जब मैं जला,तब तुम्हारे भवन में दिवाली हुई, Read more
आज से अब से कोई गीत ऐसा गाएँ हम
चाहे गम मिले या खुशियां बस मुस्कुराएँ हम
जब हदें नहीं कोई खुले इन आसमानों की Read more
मुझे गर्व था कि मैं तुझे जानता हूं,
मेरी सभी रचनाओं में दुनिया वाले तेरी छवि देखते हैं|
यहां आ कर वे पूछते हैं “ये कौन है? Read more
कहीं न कहीं तुम
मेरे शब्दों में झांक रहे
कैसे कहूँ याद नहीं आते हो Read more