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दिल में कोई राज हो तो मत छुपाना,
धड़कन-ए-आवाज हो तो मत छुपाना।
मित्रता के हर कयास पर कायम रहूंगा मैं, Read more
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दिल में कोई राज हो तो मत छुपाना,
धड़कन-ए-आवाज हो तो मत छुपाना।
मित्रता के हर कयास पर कायम रहूंगा मैं, Read more
खुशियाँ तो आजकल बोतलों में बंद हो गयी है दोस्तों
गम जब बढ़ जाता है तो खरीद लाते हैं।
अंधेरों को हमसफ़र किया जाये
नज़रों को यूँ तेज़तर किया जाये
निकले हुए हैं तीर ज़माने भर से Read more
पुराने शहरों के मंज़र निकलने लगते हैं
ज़मीं जहाँ भी खुले घर निकलने लगते हैं
मैं खोलता हूँ सदफ़ मोतियों के चक्कर में Read more
मेरे सूत्र उसी वक्त बेकार हो गये,
जब चापलूस ही उनके राज़दार हो गये।
मेरे तमाम रसूक तमाशाई रह गये,
काफिर उनके दोस्त अब खुद्दार हो गये। Read more
फिर एक मंदिर ढहा है आज,
एक मस्जिद शहीद हुई है,
इंसानों की बस्ती मैं देखो आज, Read more
“याचना नहीं अब………”
याद आ रही मुझको फिर
दिनकर की बात पुरानी वो। Read more
दोस्त मिरे ये जानकर आराम आ गया
अपना वही है वक़्त पे जो काम आ गया
–सुरेश सांगवान’सरु’ Read more
ना किसी की यादों ने सताया कभी
ना कभी दिल टूटा हैं
हमारा दिल तो वो पानी है दोस्तों
जो अपनी मस्ती मे बहता है
फिर भी ना जाने क्यू ख्याल आजकल किसी अजनबी का रहता है।
अब्र की स्याही से लिखा लगता है,
भविष्य मेरे देश का,
कि जल कर ख़ाक हुआ जाता है, Read more
मेरे बद हालात पर हँसने लगे है लोग,
ताने भी कैसे-कैसे अब कसने लगे है लोग।
समझ रहा था जिन चेहरों को अपना मैं,
उन चेहरों में अब पराये बसने लगे है लोग।
-इन्दर गुन्नासवाला
सब के कहने से इरादा नहीं बदला जाता
हर सहेली से दुपट्टा नहीं बदला जाता
हम तो शायर हैं सियासत नहीं आती हमको Read more
नजदीकियां तो हम भी बढ़ा लेते उनसे…
पर एक तरफा इश्क़ के खुमार का, नशा ही कुछ ओर था …
मेरे अजीब दोस्तों का तुम्हें भाभी कह के बुलाना और Read more
कुछ नहीं रखा ए दोस्त हाथ की लकीरों में
इक उम्र बिताई है हमने भी फकीरों में
सुरेश सांगवान’सरु’
सामने मंजिल थी और पीछे उसका वजूद… हम भी क्या करते यारो,
रूकते तो सफर रह जाता… चलते तो हमसफर रह जाता………!!!!
उन्होंने तो बेवफाई की हद ही पार दी दोस्तों
उनसे ज्यादा वफादार तो उनकी यादें निकली…
जख्मी दिल का इलाज खुद को उचाईयो पर पहुंचाने में नहीं……
थोडा नीचे आ कर दूसरों को उचाईयो पर ले जाने में हैं …..
दोस्ती का मतलब पास रहने में नहीं…….
ये तो दूर रह कर भी उनकी धडकनो को समझ जाने में हैं ……
बाज समय की कोठरी से
निकल एक दिन
किसी छोटे बच्चे की उॅंगली पकड़
ब्रह्माण्ड को इस छोर से उस छोर तक Read more
थकन जिंदगी की और गहरी लग रही है
जाने क्यूं सांस कुछ ठहरी लग रही है
पिया तो है ज़हर मैने अमृत समझ कर Read more
ऐ दोस्त तेरी दोस्ती पे क्या ग़ज़ल कहूँ,
अलफ़ाज़ ही नहीं के तेरा शुक्रिया करूँ ।