आँख प्यासी है कोई मन्ज़र दे
इस जज़ीरे को भी समन्दर दे
अपना चेहरा तलाश करना है Read more
आँख प्यासी है कोई मन्ज़र दे
इस जज़ीरे को भी समन्दर दे
अपना चेहरा तलाश करना है Read more
प्रार्थनायें क्या होतीं हैं
मन का विश्वास होतीं हैं
बंधती हुयी आस होतीं हैं Read more
आँखें मेरी भी गीली हो जाती है माँ
तू बहुत ज्यादा याद आती है माँ
चली थी तो खुश थी, डांट नहीं सुनूंगी अब Read more
एक चेहरा था ,दो आखें थीं ,हम भूल पुरानी कर बैठे .
एक किस्सा जी कर खुद को ही, हम एक कहानी कर बैठे …
हम तो अल्हड-अलबेले थे ,खुद जैसे निपट अकेले थे , Read more
मधुशाला भाग – 6 (हरिवंश राय बच्चन)
साकी, जब है पास तुम्हारे इतनी थोड़ी सी हाला,
क्यों पीने की अभिलाषा से, करते सबको मतवाला,
हम पिस पिसकर मरते हैं, तुम छिप छिपकर मुसकाते हो, Read more
आबलापा कोई इस दश्त में आया होगा|
वर्ना आँधी में दिया किस ने जलाया होगा|
ज़र्रे-ज़र्रे पे जड़े होंगे कुँवारे सजदे, Read more
कुछ छोटे सपनो के बदले,
बड़ी नींद का सौदा करने,
निकल पडे हैं पांव अभागे,जाने कौन डगर ठहरेंगे ! Read more
प्यास का मतलब ये पानी ही समझते हैं
बात दुनियाँ वाले पुरानी ही समझते हैं
रोज़ मरते हैं जीने की ख्वाहिश में लोग Read more
यकीं उसकी उल्फ़त का मुझे आने तो दे
हँस भी लेंगे पहले मुस्कुराने तो दे
तीर क्या नज़रों से तलवार चला जानां Read more
कहीं न कहीं तुम
मेरे शब्दों में झांक रहे
कैसे कहूँ याद नहीं आते हो Read more