जिससे लिखा था तेरा नाम कभी ~
वो रंग उड़ने लगा है अब दिल की दीवारों से ।
बागों में विविध पुष्प और मनभावन उनकी लाली,
भर गया सलिल चहुँ ओर दिखती हर दिश ही हरियाली।
पतझड़ में उजड़े पत्ते आए,भर गई पात से डाली, Read more
यूँ चेहरे पर नक़ाब लगाते हैं लोग,
कुरेद के ज़ख्म मेरे, मुस्कुराते हैं लोग,
आइने का ही ऐतबार हो तो कैसे हो, Read more
इक बार मुझे भर के नज़र देख लेने दो
अपनी मोहब्बत का असर देख लेने दो
हर तस्वीर में मेरी तेरे ही रंग हों Read more
खूब रंग उड़ाइये, खूब गाइये फाग।
हुड़दंग में मत भूलिए,मानवता का राग।।
रहे चेत इस बात का, न बिगड़े कछु काज।
ऐसी होली इस बार हो, स्वच्छ रहे समाज।।
ठिकाना ढूँढती बहती हवा सी लगती हूँ
ज़िंदगी से नहीं खुद से खफ़ा सी लगती हूँ
मुझ में बस गई है आकर किस ज़ोर से देखो Read more
ख़ुदाया प्यार में यूँ बंदगी अच्छी लगी
रही मैं ना मैं मुझे बेखुदी अच्छी लगी
खलाएँ जीस्त की मेरी तमाम भर गई Read more
है कहीं नहीं जो आस पास वो करीब सा लगे
जाने उस आवाज में क्या क्या रंग भरा लगे..
आभा…
यूँ मौसम का असर गया गोया
रंग-ए-गुल और निखर गया गोया
हुआ महसूस ये देखकर उसे Read more
हमसे ये नुकसान उठना मुश्क़िल है
दिल से तुम्हें जुदा कर पाना मुश्क़िल है
हो जाएँ शुरू गर सिलसिले जुदाई के Read more
सुबह की सफेदी ने आसमान का स्हाय रंग उडा डाला….
रात की हुकूमत लुट जाने से इन उदास तारों ने खुद को छिपा डाला….
उनके इश्क़ की हुकूमत ही इतनी थी हमारी रुह पर के ना चाहते हुए भी हमने उन्हें अपनी मल्लिका बना डाला……
रागिनियाँ बन साकी आई भरकर तारों का प्याला,
विक्रेता के संकेतों पर दौड़ लयों, आलापों में, Read more
देव! तुम्हारे कई उपासक कई ढंग से आते हैं
सेवा में बहुमूल्य भेंट वे कई रंग की लाते हैं
धूमधाम से साज-बाज से वे मंदिर में आते हैं Read more
रंग बहारों के उतर क्यूँ जाते
ख़ुश्बू के तेरी असर क्यूँ जाते
शाख-ए-मोहब्बत जो रहती हरी Read more
रंगों में घुली लड़की क्या लाल गुलाबी है,
जो देखता है कहता है क्या लड़की शबाबी है,
पिछले बरस तूने जो भिगोया था होली में, Read more
होली पर अपने चेहरे को रंगों से सजाने की ज़रूरत क्या थी,
इन हसीन नैन औ नक्श को रंगों के पीछे छुपाने की ज़रूरत क्या थी,
हम तो कल भी आपको बन्दर समझते थे, Read more
ख़ुशी के इस पल में ये दिल बस मुस्कुराए,
हर गम भुला के प्यार भरे सपने सजाए,
इन हसीन पलों की खुशबु इस दिल को बहुत भाए,
शायद इन पलों का संगम ही जन्नत कहलाए। Read more
बाज़ीचा-ए-अतफ़ाल है दुनिया है मेरे आगे
होता है शब-ओ-रोज़ तमाशा मेरे आगे।
होता है निहाँ गर्द में सहरा मेरे होते Read more
बोल रहा था कल वो मुझसे हाथ में मेरा हाथ लिए
चलते रहेंगे सुख-दुख के हम सारे मौसम साथ लिए।
उसने अपनी झोली से कल प्यार के हमको फूल दिए Read more