#G4.
क्यूँ खोये खोये से मेरे दिलदार नज़र आते हैं,
कोई कह दे हम उनके दीदार को इधर आते हैं,
हथेली में मेरी अक्सर काँटे चुभाने वाले, Read more
#G4.
क्यूँ खोये खोये से मेरे दिलदार नज़र आते हैं,
कोई कह दे हम उनके दीदार को इधर आते हैं,
हथेली में मेरी अक्सर काँटे चुभाने वाले, Read more
अपना ही शहर आज मुझे बेगाना क्यूँ लगा
मेरी ग़रीबी की हक़ीक़त अफ़साना क्यूँ लगा
प्यार सदा से था इसमें दिल ही ऐसा पाया है Read more
वो ख़्वाब है हक़ीक़त बनता नज़र नहीं आता
ये ख़्वाब मिरा मरने तक मरता नज़र नहीं आता
—-सुरेश सांगवान’सरु’ Read more
यादों को मिटाकर हक़ीक़त कर दो सनम
आओ पास आओ क़यामत कर दो सनम
—सुरेश सांगवान’सरु’
सब के कहने से इरादा नहीं बदला जाता
हर सहेली से दुपट्टा नहीं बदला जाता
हम तो शायर हैं सियासत नहीं आती हमको Read more
अनकहे इश्क़ की भी क्या अजीब हकीकत हैं,
बस निखरता ही जाता हैं यूँ वक्त गुजरते गुजरते..
हकीकत में जो गुज़र जाती है दिल पे
उसी का अफ़साना बना लेती है दुनिया..
आभा..