नहीं अच्छे लगते उन वादों जैसे दिन,
कहां गए वो फरिश्ते जिन्होंने वादे किए थे।
अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जायेगा
मगर तुम्हारी तरह कौन मुझ को चाहेगा
तुम्हे ज़रूर कोई चाहतों से देखेगा Read more
इश्क तेरे फरेब में,ये किस मुकाम तक आ गये,
घुट घुट के जिये,ऐसे की शमशान तक आ गये,
मेरे नेकी के चर्चे रहे, Read more