इक रोज़ संग साथ बैठे बैठे
कलम कागज़ और कीबोर्ड बतिया बैठे
अपनी श्रेष्ठता के मद में कीबोर्ड चूर चूर था Read more
इक रोज़ संग साथ बैठे बैठे
कलम कागज़ और कीबोर्ड बतिया बैठे
अपनी श्रेष्ठता के मद में कीबोर्ड चूर चूर था Read more
1.
कितनी मरीचिकाओं से घिरी मैं~
खुद को खुद में ढूंढा करती मैं~
कितने अलग से निरपेक्ष से तुम~ Read more
जब आप आप न रहे
तो मिलन मिलाप न रहे
ज़िंदगी ऐसे जियो Read more
“मौन” है जिनकी वाणी, “मौन” ही जिनका ध्यान,
“मौन” ही जिनकी साधना, वो हैं मेहेर बाबा “मेहेरवान”|
“मौन” रहकर ही दिया, उसने “मौन” का ज्ञान, Read more
आँखें मेरी भी गीली हो जाती है माँ
तू बहुत ज्यादा याद आती है माँ
चली थी तो खुश थी, डांट नहीं सुनूंगी अब Read more
Kabhi tum hume kareeb se aa k dekhna…
Itna mushkil nahi hu, zara sa samaj k dekhna….
Main tumhe ek behtarin insaan ki tarah nazar aaunga, Read more
मैं अब तक
उस राह को ताक़ रही हूँ
जिससे तुम चले गए थे
सुनो तुमने कहा था Read more
रचनाकार: सुभद्रा कुमारी चौहान
सिंहासन हिल उठे राजवंशों ने भृकुटी तानी थी,
बूढ़े भारत में भी आई फिर से नयी जवानी थी,
गुमी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी, Read more
अस्मत क्या बिकाऊ थी उसकी,
जो तूने लूट ली?
करके एक अबला की इज्ज़त को तार-तार,
अपने पुरुषार्थ की चादर ओढ़ ली||
किसी के चमन की कली, Read more
नीरव शान्ति में, ओस की बूंदों का शोर,
झंकृत होता वातावरण, आकर्षित करता अपनी ओर ||
पत्तों से भरा दलदल, फंसे हुए जानवर की तड़प, Read more
निःशब्द शान्ति का आवरण ओढ़े ज़िन्दगी, तलाशती है अपने अतीत को,
दूर बहुत दूर जाती है पीछे, एक झलक देखने अपने आप को ||
ज़िन्दगी ने देखा, उसपर धूल जमी थी, पर घाव हरा था, Read more
नेपथ्य से आवाज़,
“तू कौन है?”
फिर एक शान्ति,
जवाब ??
एक प्राण, एक अन्तश्चेतना, Read more
उसकी सोच का आयाम तंग होता जा रहा है |
मृगमरीचिका सी लालसा के पीछे लपकता जा रहा है | Read more
जिस दरख़्त के नीचे
हम मिला करते थे
आज उसी के पास Read more
नव वर्ष के अभिनन्दन को आतुर सारा संसार,
भूल गए वो ज़ख्म पुराने, वो खून का कारोबार!
पिछले वर्ष ने बहुत रुलाया , सबकी नींद उड़ा दी, Read more
मुझे गर्व था कि मैं तुझे जानता हूं,
मेरी सभी रचनाओं में दुनिया वाले तेरी छवि देखते हैं|
यहां आ कर वे पूछते हैं “ये कौन है? Read more
तेरी दोस्ती को ज़िंदगी की जान मानती हूँ
लबों की मुस्कुराहट दिल का अरमान मानती हूँ
खुदा के बनाये रिश्ते बहुत अनमोल हैं लेकिन Read more
जिसकी धुन पर दुनिया नाचे, दिल ऐसा इकतारा है,
जो हमको भी प्यारा है और, जो तुमको भी प्यारा है.
झूम रही है सारी दुनिया, जबकि हमारे गीतों पर, Read more
बस एक चुप सी लगी है, नहीं उदास नहीं!
कहीं पे सांस रुकी है!
नहीं उदास नहीं, बस एक चुप सी लगी है!! Read more
मावस की काली रातों में दिल का दरवाजा खुलता है,
जब दर्द की काली रातों में गम आंसू के संग घुलता है,
जब पिछवाड़े के कमरे में हम निपट अकेले होते हैं, Read more