इक ज़रा सी ज़िंदगी में इम्त्तिहां कितने हुये
बोलने वाले न जाने बेज़ुबाँ कितने हुये
ध्रुव तारा ज़िंदगी का कौन होता है कहीं Read more
इक ज़रा सी ज़िंदगी में इम्त्तिहां कितने हुये
बोलने वाले न जाने बेज़ुबाँ कितने हुये
ध्रुव तारा ज़िंदगी का कौन होता है कहीं Read more
#G4.
क्यूँ खोये खोये से मेरे दिलदार नज़र आते हैं,
कोई कह दे हम उनके दीदार को इधर आते हैं,
हथेली में मेरी अक्सर काँटे चुभाने वाले, Read more
दिल के जख्मों पर, मलहम लगा दिया,
वरना नासूर हो जाता, तो क्या करता।
नामूमकिन ख्वाबों को, खामोश कर दिया, Read more
आज मुद्दत बाद महफिल में शिरकत किया है कोई,
कि इस नाचीज पे रेहमत किया है कोई।
आज इतना खूबसूरत क्यों लगता है ताज, Read more
आँख में ख़्वाबों को सजाती हूँ
या कहो मुसीबतें बुलाती हूँ
जश्न महफ़िल में मैं मनाती हूँ Read more
दिल के जख्मों पर, मलहम लगा दिया,
वरना नासूर हो जाता, तो क्या करता।
नामूमकिन ख्वाबों को, खामोश कर दिया, Read more
दुनियाँ से न्यारी मेरी गुलगुल
पापा की प्यारी मेरी गुलगुल
आँखों का ख़्वाब रातों की नींद Read more
वो ख़्वाब है हक़ीक़त बनता नज़र नहीं आता
ये ख़्वाब मिरा मरने तक मरता नज़र नहीं आता
—-सुरेश सांगवान’सरु’ Read more
पास आने नहीं देते
मुस्कुराने नहीं देते
बोझ ज़िम्मेदारियों के Read more
फूँक से सूरज बुझाना छोड़ दो
रेत की मुट्ठी बनाना छोड़ दो
हो नहीं सकता जहाँ दिल से मिलना Read more
आज तक सब खोया ही खोया था, बस एक तुम्ही को पाया है
और तुम भी अलविदा कह गये ये कहकर की छोड़ो सब मोह माया है
तुम क्या जानो क्या हालत हो गई है इस दिल की,
जो पूरी रात तुम्हारी याद मे रोया है।
ना मिलता है सुबह शुभ दिन का संदेश तुम्हारा ना रात में तुम्हारे ख्वाबों का साया है
आखिर ऐसी क्या वजह है जो तुम्हें ये लगने लगा की सब मोह माया हैं।
यू गुमसुम ना बैठा करो,कभी खुद में भी होया करो,
क्यों गुनाह दिल से हुआ,कभी तुम भी तो सोचा करो,
क्यों घुट घुट के जीते हो,यू अश्क अपने ही पीते हो, Read more
तपती आंखो में कहां जीते हैं ख्वाब
धूप की जलन तो कहां पलते हैं ख्वाब
ख्वाहिशों की नर्म छांव में बैठे बैठे Read more
हर गली हर कूचे में बाग़बान मिल जाये
गर इंसान के भीतर इंसान मिल जाये
उधार ना सही नक़दी दुकान मिल जाये Read more
मेरी आवाज़ सुनकर के तुम्हारा जी बहलता है
तुम्हारी इन अदाओं पर हमारा दम निकलता है
मेरी खामोशियों को जब से तेरा दिल समझता है Read more
रफ़्ता रफ़्ता तुझसे वाबस्ता हो रहें हैं
जाने क्या मिल रहा है जाने क्या खो रहे हैं
तुझसे मिले हैं जब से दो आलम का है ये दिल Read more
कभी आंसू कभी खुशबु कभी नगमा बनकर
हमसे हर शाम मिली है तेरा चेहरा बनकर
चाँद निकला है तेरी आँख के आंसू की तरह Read more
आज से अब से कोई गीत ऐसा गाएँ हम
चाहे गम मिले या खुशियां बस मुस्कुराएँ हम
जब हदें नहीं कोई खुले इन आसमानों की Read more
मेरे ख्वाबों का क़ातिल बता दो
या बीते पल यादों से मिटा दो
माना हर मसले का हल नहीं है Read more
बेचैनियों को दिल की पैग़ाम कोई तो दे
मेरी निकहतों को दिलबर काम कोई तो दे
हवा महकते गुलाब की या ख़ला ही कर अता Read more