तेरे दिल में मेरे प्यार की जो बातें हैं,
तुझे उन बातों की कसम,
तेरे प्यार के किस्से मेरे हिस्से… Read more
तेरे दिल में मेरे प्यार की जो बातें हैं,
तुझे उन बातों की कसम,
तेरे प्यार के किस्से मेरे हिस्से… Read more
राधा सुकुमारी
प्यार से भी प्यारी
कान्हा के मुरली के तनो पर झुमती ये बृज दुलारी Read more
अपना ही शहर आज मुझे बेगाना क्यूँ लगा
मेरी ग़रीबी की हक़ीक़त अफ़साना क्यूँ लगा
प्यार सदा से था इसमें दिल ही ऐसा पाया है Read more
ए दिल जरा बता दे ,ये कैसे है मुनासिब,
कि प्यार भी हो जाये,बर्बाद भी न हो हम,
अबतक नही हुआ जो,वो चाहता है तू क्यों, Read more
दूरियां दीवार की मोहताज़ नहीं होती
नफ़रते तलवार की मोहताज़ नहीं होती
कौन बोले है न बोले रब के लिये Read more
आँख में ख़्वाबों को सजाती हूँ
या कहो मुसीबतें बुलाती हूँ
जश्न महफ़िल में मैं मनाती हूँ Read more
बोझ समझकर हाय उतार देते हैं
बेटी को कहाँ लोग प्यार देते हैं
—सुरेश सांगवान’सरु’ Read more
धोखा लगी मेरी मोहब्बत ज़माने को,
वो जो कईयों से कर रही है उसे प्यार कहते हैं….
इन्दर गुन्नासवाला
ज़िन्दगी तेरे दर्द से हारता है कोई
प्यार दुनियां का ज़रूर मुग़ालता है कोई
—सुरेश सांगवान
चाँद भी शरमाता है, यूँ देख के तेरा बाँकपन,
गैरों से तो ठीक है, अपनों से कैसा परदापन,
जाने कब जानोगी तुम, प्यार है ये जन्मों का, Read more
माँ रोते में मुस्कुराना तुमसे सीखा है
कारे दुनियाँ का ताना-बाना तुमसे सीखा है
गर्दिश-ए-दौरा तो आनी जानी शै Read more
माँ ही गुरू माँ ही ज्ञान
ईश्वर का उत्तम वरदान
पाठशाला तू ही तो है Read more
ख़ुदाया प्यार में यूँ बंदगी अच्छी लगी
रही मैं ना मैं मुझे बेखुदी अच्छी लगी
खलाएँ जीस्त की मेरी तमाम भर गई Read more
बता दे यार मेरे तुझको प्यार है कि नही,
मेरे नसीब में भी कोई बहार है कि नही,
तेरी उम्मीद पे ठहरा हूँ मुद्दत से राहों में, Read more
हौसलों की आज उड़ान देखिये
और सूरत-ए- आसमान देखिये
फूल पे बिखरी मुस्कान देखिये Read more
तुमको छोड़ के जिस दिन मैं, दूर कहीं चला जाऊँगा।
आँखों में… मैं बनके आँसु याद बहुत तुम्हें आऊँगा।
इन्दर गुन्नासवाला
इश्क़ में हमारी बे-ज़ुबानी देखते जाओ
उस पर आलम की तर्जुमानी देखते जाओ
तुम ना आओगे कभी मुन्तज़िर हम फिर भी हैं Read more
कई राज दिल में है दफ़न ,
कई ख्याल दिल में जाग रहे ,
जो करते प्यार सचे दिल से ,
क्यूँ दूर दुखों से भाग रहे ,
उन्हें क्या पता यही मंज़िल है ,
आखिर यहीं पे तो आना है |
इज़हार क्यों किया था, इकरार क्यों किया था,
जब जाना बहुत दूर, फिर प्यार क्यों किया था,
ना थी कोई रंजिश, और ना थी कोई शिकायत,
जब हार गया दिल तुझपे, ये वार क्यों किया था.
~ मनोज सिंह “मन”
वो जाते हुये प्यार में, निशानी दे गया,
इक उम्रभर को, आँख में पानी दे गया,
ज़माने से छुपाई थी, बातें मोहब्बत की,
वो ज़माने को सुनाने को, कहानी दे गया,
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मनोज सिंह”मन”