जमा पूरी रकम को, कालाधन न कहो साहब,
गरीबों के एक-एक रुपये का,उसी में हिसाब है।
कालाधन तो अब,आप जैसों से निकले हैं,
जो कि हर हाल में, देशहित में खराब है।
गड्डी महलों की या न निकली,
अपने बटुए से नोट पुराने चले गए।
सुबह शाम हम खड़े कतारों में हर दिन,
बैंकों से महलों में पैसे चले गए।
# नोटबंदी- एक सिलसिला#
रहा फैसला निकहा दादू,
होइ गइ चूक समीक्षा मा।
बिन तइयारी बइठी गये हों Read more
मीठी नशीली बातों का काफ़िला भी देखा है
जाने ग़ज़ल हमने वो काफ़िया भी देखा है
पूछे लोग मुझसे क्या मैक़दा भी देखा है Read more
दुनियां तेरी भीड़ में शामिल मैं भी हूँ
तेरी तरहा दर्दो को हासिल मैं भी हूँ
इक अपना ख्याल रखा होता तो काफ़ी था Read more
जिससे लिखा था तेरा नाम कभी ~
वो रंग उड़ने लगा है अब दिल की दीवारों से ।
इक ज़रा सी ज़िंदगी में इम्त्तिहां कितने हुये
बोलने वाले न जाने बेज़ुबाँ कितने हुये
ध्रुव तारा ज़िंदगी का कौन होता है कहीं Read more
नहीं अच्छे लगते उन वादों जैसे दिन,
कहां गए वो फरिश्ते जिन्होंने वादे किए थे।
मैं शायर तो नही, करता हूँ शायरी तेरी याद में
मेरे कदमो में ज़न्नत तो नही, लेकिन तेरी मोहबत किसी ज़न्नत से कम तो नही.
-Nisha nik.
जिन्दगी भी बङी कमबख्त चीज है
मिलती तो एक बार है पर रूलाती बार-बार है
-Nisha nik.
होठो पे हंसी सजाये रखना दिल में सदा सकून रखना
ना जाने कब खुदा की रहम हो जाये और तख़्तो ताज पर हमे सजाये ।
Nisha nik
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दिल में कोई राज हो तो मत छुपाना,
धड़कन-ए-आवाज हो तो मत छुपाना।
मित्रता के हर कयास पर कायम रहूंगा मैं, Read more
बागों में विविध पुष्प और मनभावन उनकी लाली,
भर गया सलिल चहुँ ओर दिखती हर दिश ही हरियाली।
पतझड़ में उजड़े पत्ते आए,भर गई पात से डाली, Read more
जग हमे भुल जाये, पर तुम ना भुलाना कभी
आँखे कभी हमारी मिल जाये तो, आँखे ना चुराना कभी
हम जिन्दगी का सफ़र , साथ निभा तो नही सकते
पर जब साथ देने का समय आये तो हाथ ना छुङना कभी।
Nisha nik.
दर्द में हम गाते है, लोगो को अपने नगमे हम सुनाते है
हम लिखते है तुम्हारी याद में और लोग हमे शायर कह जाते है।
#G4.
क्यूँ खोये खोये से मेरे दिलदार नज़र आते हैं,
कोई कह दे हम उनके दीदार को इधर आते हैं,
हथेली में मेरी अक्सर काँटे चुभाने वाले, Read more
आँखो के रस्ते से दिल मे ऊतरती हो
सरमो सरमी के हर पहरे को तोङती हो Read more
किस पर क्या गुजरी किसी को क्या खबर
कुछ नहीं मिलता किसी को अपना हाल सुना के।
उस दिन रह जाएंगे हम अकेले हमेशा के लिए
जिस दिन हो जाओगे तुम किसी के सदा के लिए।
खुशियाँ तो आजकल बोतलों में बंद हो गयी है दोस्तों
गम जब बढ़ जाता है तो खरीद लाते हैं।