Type your search query and hit enter:
ग़ज़लें
2 लाइन शायरी
जो खानदानी रईस हैं वो मिजाज रखते हैं नर्म अपना / शबीना अदीब
1 year ago
ग़ज़लें
दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई …
2 years ago
ग़ज़लें
तीरगी चांद के ज़ीने से सहर तक पहुँची – राहत इन्दोरी
2 years ago
ग़ज़लें
मीठी नशीली बातों का काफ़िला भी देखा है
6 years ago
ग़ज़लें
दुनियां तेरी भीड़ में शामिल मैं भी हूँ
6 years ago
ग़ज़लें
इक ज़रा सी ज़िंदगी में
6 years ago
ग़ज़लें
बुझे चराग़ में भी कुछ जला रखा है
7 years ago
ग़ज़लें
कहीं रातो से जागी हूँ
7 years ago
ग़ज़लें
अभी तो होश में आया हूँ मैं
7 years ago
ग़ज़लें
सोचो तो सब है जिन्दगी…
7 years ago
ग़ज़लें
दिल के जख्मों पर, मलहम लगा दिया
7 years ago
ग़ज़लें
इक बार मुझे भर के नज़र देख लेने दो
7 years ago
ग़ज़लें
हम दोनों को जाना है इस जीवन के पार
7 years ago
ग़ज़लें
खुशी मुझे इतनी की बसर हो जाय
7 years ago
ग़ज़लें
ऐ हवा उनसे मिलके आना जरुर
7 years ago
ग़ज़लें
सफेद रंग/ आभा चंद्रा
7 years ago
ग़ज़लें
मुद्दत की बात है /अमरेश गौतम’अयुज’
7 years ago
ग़ज़लें
मुफलिसी में भी यहाँ/अमरेश गौतम’अयुज’
7 years ago
ग़ज़लें
अपना ही शहर आज मुझे बेगाना क्यूँ लगा
7 years ago
ग़ज़लें
ये मेरी आदत बहुत पुरानी है
7 years ago
Show more Posts